प्रगति प्रकाशन के तत्वावधान में 'काव्यांचल' के लोकार्पण के साथ हुआ कवि सम्मेलन!
कोन्नगर (हुगली): प्रगति प्रकाशन के तत्वावधान में आयोजित "काव्यांचल" काव्य संग्रह का लोकार्पण एवं कवि सम्मेलन स्टडी मिशन स्कूल के सभागार में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का प्रारंभ अतिथियों और वक्ताओं द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ। तत्पश्चात रुपम महतो ने सरस्वती वंदना और प्रिया शर्मा ने नृत्य प्रस्तुत की। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर विद्यासागर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डा. संजय जायसवाल और सुरेंद्रनाथ कालेज की प्राध्यापिका दिव्या प्रसाद मौजूद थी। बताते चलें कि "काव्यांचल" में देश के विभिन्न राज्यों से चुनिंदा 120 कवियों की कविताओं को इस संकलन में संकलित किया गया है जिसका संपादन श्रीप्रकाश गुप्ता, प्रकाश कुमार त्रिपाठी, विनोद यादव और श्रद्धा गुप्ता 'केशरी' ने की है।
इस मौके पर उच्च शिक्षा, साहित्य एवं संपादन के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए सावित्री गर्ल्स कॉलेज की भूतपूर्व प्राध्यापिका डॉ. मीरा सिन्हा को 'प्रगति शिक्षा सम्मान 2023' हिंदी जगत की सफल नाटककार, कहानीकर एवं निर्देशिका उमा झुनझुनवाला को 'प्रगति नाट्य सम्मान 2023' एवं हिंदी के जनवादी कवि राज्यवर्द्धन को 'प्रगति रचना सम्मान 2023' से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम दो सत्रों में आयोजित किया गया। प्रथम सत्र में "काव्यांचल" का लोकार्पण एवं सम्मान समारोह हुआ। "काव्यांचल" पर प्रकाश डालते हुए डॉ. मीरा सिन्हा ने प्रगति प्रकाशन एवं काव्यांचल के संपादक मंडल के साथ साथ श्रीप्रकाश गुप्ता को ढेर सारी शुभकामनाएँ देते हुए उनके इस साहित्यिक कार्य की प्रशंसा की जबकि उमा झुनझुनवाला ने अपने वक्तव्य में कहा कि वर्तमान समय में मानसिक विकृति को दूर करने के लिए समय-समय पर हिंदी भाषियों को साहित्यिक खुराक की आवश्यकता है और यह साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों से संभव है। राज्यवर्द्धन ने अपने वक्तव्य में साहित्य के विकेंद्रीकरण की बात कही जिससे साहित्य विकसित एवं समृद्ध होगा। डॉ. संजय जायसवाल ने 'काव्यांचल' काव्य संग्रह की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि काव्यांचल के रूप में हमारे बीच एक ऐसी पुस्तक मौजूद है जो सृजन के साथ-साथ वरिष्ठ कवियों और युवा कवियों को आपस में जोड़ने का कार्य कर रही है। दिव्या प्रसाद ने हिंदी जगत में 'काव्यांचल' के आगमन को नए रचनाकारों के लिए एक उपलब्धि माना। इस सत्र का संचालन सुषमा कुमारी ने की। इसके बाद विभिन्न राज्यों से आये कवियों में रघुनाथ प्रसाद गुस्ताख, रवि प्रताप सिंह, जय कुमार रुसवा,रीमा पाण्डेय, रास बिहारी गिरी, धर्मदेव सिंह,डॉ. शाहिद फरोगी, अशोक आशीष, बृजेन्द्र कुमार राय, सोनी हक, डा बुद्धिराम, मुरली चौधरी, सुरेश शा, अवधेश मिश्र आदि ने अपनी अपनी कविता प्रस्तुत की।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में युवा कवि एवं कवयित्रियों में मनीषा गुप्ता, प्रदीप धानुक, आदित्य त्रिपाठी, अभिषेक गुंजन, प्रिया पाण्डेय "रोशनी",अनिता ठाकुर, सूर्य देव राय, नुपुर श्रीवास्तव, सुषमा कुमारी, श्रद्धा गुप्ता 'केशरी', प्रिया श्रीवास्तव, डॉ. इबरार ख़ान, निखिता पाण्डेय, ऋषि तिवारी, स्वेता गुप्ता 'श्वेतांबरी', रुपम महतो, स्वाति भारद्वाज, चंदन भगत, सपना कुमारी, निधि पांडे, स्वाति भारद्वाज, प्रकाश प्रियांशु आदि ने स्वरचित कविता का पाठ किया। इस सत्र का संचालन संयुक्त रुप से प्रिया श्रीवास्तव एवं श्रद्धा गुप्ता ने की।
कार्यक्रम संयोजन एवं सफल बनाने में श्री प्रकाश गुप्ता, विनोद यादव, वंदना तिलावत, सत्य प्रकाश गुप्ता, शालिनी गुप्ता, प्राची गुप्ता आदि ने महनीय भूमिका निभाई। अंत में विनोद यादव ने धन्यवाद ज्ञापित कर कार्यक्रम का समापन किया।