सुनील ठाकुर
व्यक्तित्व एक परिचय में हुए, साक्षात्कार के लिए पधारे अतिथि सुनील ठाकुर जी होस्ट किशोर जैन के साथ!
रिपोर्ट: सुनीता सिंह 'सरोवर'
लाइव कार्यक्रम (यूट्यूब): 'अपने लिए जिए तो क्या जिएं तू जी ये दिल जमाने के लिए' ये पंक्ति एकदम सटीक बैठती है हमारे आज के अतिथि सुनील ठाकुर जी पर, जो एक स्वीमिंग कोच हैं, और इन्हें एक नहीं अनेक पदक राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय, दादा साहब फाल्के अवार्ड के साथ साथ पीस अवार्ड से भी नवाजा गया है। सिर्फ इतना ही नहीं, आपको मानवता की सेवा के लिए जुनियर सोनू सूद की उपाधि भी मिली।
आपने उस कठिन दौर में पूरी तन्मयता से मानव धर्म निभाया। आज समाज को आप जैसे लोगो की ही आवश्यकता है, जो बिना भेद भाव राम और कृष्ण की तरह धरा से दुख हरने को आतुर हैं।
एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले इंसान ने अपने दृढ़ संकल्प से कोरोना काल में भी निरंतर मानवता की सेवा की। तमाम लोगों को दवाई मुहैया करवाया, बेड बैंक की स्थापना की ताकि कोरोना से पिड़ित परिवार के तिमारदार भी रह सके और अपनों का ख्याल रख सकें।
"मन में अगर सच्चाई है, कुछ कर गुजरने का जुनून और ज्जबा हो तो खुदा भी स्वत: रास्ते देता है।"
दिव्ययालय एक साहित्यिक पटल पर प्रति बुधवार दिव्यालय एक व्यक्तित्व परिचय
"चंद बातें कुछ यादें नई पुरानी"
इस श्रृंखला की शुरुआत ही किशोर जैन ने शुभ संदेश देते हुए किया। उन्होंने बताया कि दिव्यालय एक साहित्यिक यात्रा पटल अब भारत केन्द्र से पंजीकृत हो चुका है। यह पटल के संस्थापक मंडल के लगन का ही परिणाम है। पंजीकरण की शुभकामनाएँ देते हुए व्यक्तित्व परिचय कार्यक्रम के अतंर्गत हुए साक्षात्कार में इंदौर शहर से सुनील ठाकुर होस्ट किशोर जैन जी के साथ, किशोर जैन के प्रश्नों के जबाब में आपने बताया की आप इंदौर के एक छोटे से कस्बे में रहते थे। माता - पिता फूल के छोटे व्यवसायी थे और आपकी शिक्षा - दीक्षा भी इंदौर से ही हुई। आपके अनुसार इस धरती पर मानव जीवन अनमोल है। इसलिए इस जीवन को जीत कर विकास करने के लिए सदैव परहित के लिए ही कार्य करते हुए हृदय की विशालता बरकरार रखने हेतु कदम से कदम मिलाकर साथ चलने की आवश्यकता है।
अंत में बेहतरीन संचालन कर रहे यू.के. से किशोर जैन जी ने अपने इस साक्षात्कार के भाव प्रकट करते हुए अपने अतिथि सुनील ठाकुर जी को धन्यवाद दिया। इस नेक व सराहनीय कार्य पर दिव्यालय की संस्थापक व कार्यक्रम आयोजक व्यंजना आनंद 'मिथ्या ', और उपाध्यक्ष व कार्यक्रम संयोजक मंजरी निधि 'गुल'जी को तथा कार्यक्रम अलंकरण प्रमुख व सभी टीम मेम्बर को इस श्रेष्ठ कार्यक्रम के लिए आभार व्यक्त किया। मंजिरी निधि 'गुल' जी नेटवर्क की बीच में थोड़ी असुविधा को बखुबी संभाला और पूरे दिव्यालय परिवार की तरफ से उन्होंने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि सुनील ठाकुर जैसे युवाओं की समाज को जरूरत है, जिन्होंने परहित काज करके एक वर्ग से जुड़े हुए सुलझे और समझदार व्यक्ति हैं और जो भविष्य में समाज दर्पण होंगे।