भारत में मानसून 2025 की दस्तक: उत्तरी राज्यों में पहुंचा, देशभर में बढ़ी बारिश की गतिविधियाँ!
तारीख: 24–25 जून 2025
नई दिल्ली / पटना / चंडीगढ़ / मुंबई — भारत में इस वर्ष का दक्षिण-पश्चिम मानसून अब पूरी रफ्तार पकड़ चुका है। मौसम विभाग (IMD) की जानकारी के अनुसार, 24 जून से पहले मानसून बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पूर्वोत्तर राज्यों में सक्रिय हो गया था, वहीं अब यह दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में भी प्रवेश कर गया है।
यह घटनाक्रम खास इसलिए है क्योंकि मानसून के देशव्यापी विस्तार में इस बार अपेक्षाकृत देरी देखी गई थी, लेकिन अब इसकी बरसात की गति तीव्र हो चुकी है।
🌀 अब तक की स्थिति
- चंडीगढ़ में मानसून की आधिकारिक एंट्री 25 जून को दर्ज की गई, जिससे गर्मी से राहत मिली।
- पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में मानसून की आमद पहले ही हो चुकी थी, और अब लगातार बारिश हो रही है।
- राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में 24–26 जून के बीच मूसलधार बारिश की संभावना के चलते IMD ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
📊 मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार
क्षेत्र | स्थिति | पूर्वानुमान (25–30 जून) |
---|---|---|
उत्तर भारत | हल्की से मध्यम बारिश | कुछ स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी |
पूर्व भारत | सक्रिय मानसून | गरज के साथ भारी बारिश |
मध्य भारत | सक्रिय बारिश | कृषि के लिए अनुकूल वातावरण |
दक्षिण भारत | संतुलित वर्षा | मानसून सामान्य |
पूर्वोत्तर भारत | कम वर्षा | कम दबाव के कारण सीमित बारिश |
🧾 IMD के अनुसार क्यों जरूरी है विशेष सतर्कता?
- जलभराव और बाढ़ का खतरा: कई शहरी क्षेत्रों में बारिश के साथ जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
- कृषि गतिविधियों के लिए अहम समय: खरीफ की बुआई के लिए यह समय संवेदनशील है — मानसूनी रुझान से फसलें प्रभावित होंगी।
- ऊर्जा क्षेत्र पर असर: भारी वर्षा से कुछ क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है।
- स्वास्थ्य संबंधी सावधानियाँ: वर्षा ऋतु में मलेरिया, डेंगू और जलजनित रोगों के बढ़ने की आशंका।
🌱 कृषि क्षेत्र में उम्मीद की बौछार
देश के कृषि प्रधान क्षेत्रों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, और महाराष्ट्र में मानसून की दस्तक के साथ ही खेतों में हलचल शुरू हो गई है। किसान धान, मक्का, उड़द और अरहर जैसी खरीफ फसलों की बुआई में जुट गए हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि मानसून की यह गति बनी रही, तो 2025 की खरीफ फसल औसत से बेहतर होने की संभावना है।
🚨 सावधानियाँ एवं सरकार की तैयारियाँ
- राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों ने जलभराव और बाढ़ संभावित क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी है।
- रेलवे, सड़क विभाग और नगर निगमों ने सड़क की मरम्मत व सीवर की सफाई के आदेश जारी किए हैं।
- स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू व मलेरिया से निपटने के लिए दवाओं का छिड़काव और मच्छरदानी के प्रयोग की अपील की है।
🔚 निष्कर्ष
मानसून 2025 अब देशभर में सक्रिय हो चुका है, और इसके साथ ही कृषि, जल संचयन, और तापमान नियंत्रण जैसी अनेक सकारात्मक प्रक्रियाएं शुरू हो गई हैं।
हालांकि, अत्यधिक बारिश, जलभराव और स्वास्थ्य संकट की संभावनाओं को देखते हुए सतर्कता और पूर्व तैयारी की जरूरत भी उतनी ही अधिक है।
🌧️ “मानसून सिर्फ पानी नहीं लाता, ये भारत की खेती, अर्थव्यवस्था और जीवनशैली की रीढ़ होता है।”