इंसानियत तभी आएगी जब इंसान शिक्षित होगा!
सारण (बिहार) संवाददाता मनोज सिंह: इंसान में अगर इंसानियत न हो तो वह इंसान नहीं है और इस्लाम इंसानियत की सीख देता है तथा इंसानियत तभी आएगी जब इंसान शिक्षित होगा। यह बातें गुरुवार की रात स्थानीय हजरत जलाल शाह रहमतुल्ला अलैह के उर्स ए पाक को संबोधित करते हुए मौलाना निसार अहमद मिसवाही एवं सुल्तान रजा ने जलसा को सम्बोधित करते हुए कही।
मौलाना द्वय ने कहा कि इस्लाम एक पैगाम है और मोहब्बत का नाम इस्लाम है। वक्ताओं ने कहा कि भूखे भी रहकर अपने बच्चों को तालीम जरूर दो। अगर आप कुरान के बताए रास्ते पर चलो तो दूसरों का धर्म भी प्यारा लगने लगेगा। लोग रास्ते से भटक गए हैं तथा हमारे अंदर बनावटीपन व दिखावा घर कर गया है, जो खुदा को पसंद नहीं है। भूखे को खाना खिलाना, प्यासे को पानी पिलाना तथा अंधे को रास्ता दिखलाने का नाम ही इस्लाम है। इस्लाम बुरे कर्मों की कतई इजाजत नहीं देता।
जलसा में बड़ी तादाद में सामायिनो ने हिस्सा लिया। मर्द एवं औरत जुटे समायिनो ने पूरी रात हुजूर के बारगाह में डूबते उतराते रहे। सामाजिक प्रेम एवम सौहार्द की मिशाल जलाल शाह रहमतुल्ला अली के मजार पार्क पर आयोजित उर्स पाक में सभी समुदाय एवं धर्म के लोग जमे रहे। जलसा में देश के कोने-कोने से आये मशहूर व माहरूफ मुकरिर्र एवं नात खा नातिया कलाम पढ़ने वालों ने एक से बढ़कर एक नात पेश किया, जिससे लोग झूमने पर मजबूर हो गए और लोग नारे तकबीर, नारे रिसालत का नारा बुलंद करते रहे। उर्स ए पाक की शुरुआत कुरान की तिलावत से की गई। इस मौके पर जलाल शाह के मजार को विशेष रुप से सजाया संवारा गया था।
इस मौके पर गुलफाम रजा मुराद पूरी,अजमत रजा भागलपुरी,शाने अरब सुल्तान राजा, समसुद्दीन खान, निसार अहमद मिस्बाही, हाफिज अमीरुद्दीन मोहम्मद, रफी अहमद ,मजहर हुसैन,अंबर खान आदि दर्जनों मुकरीर एवं नातखां और मौलवी शामिल हुए। माँझी पूर्वी पंचायत के पूर्व मुखिया व जदयू नेता अख्तर अली ने अतिथियों को अंगवस्त्र आदि से सम्मानित किया। मौके पर सैकड़ों गणमान्य लोग मौजूद थे तथा मेले में भारी भीड़ उमड़ी थी।